आखिरी खत ( A Last Letter)
नमस्कार दोस्तों ,
आशा करता हु की आप सभी खुश होंगे । आज हम एक Poetry लाये है जिसका शीर्षक आखिरी खत ( A Last Letter) जो की आपको बहुत पसंद आएगी ।
आशा करता हु की आपको ये बहुत पसंद आएगा ।
अगर कही मर जाऊ मै जो,
मेरा पोस्टमार्टम मत करना,
चाकू - छुरी से डर लगता है,
मुझे अस्पताल के सुपुर्द मत करना।
माँ को पुत्र का संदेश
माँ कही मर जाऊं मै जो,
चीख-चीख के आहे मत भरना,
चीखो से मैं डर जाऊंगा,
मुझे खुद से दूर मत करना।
बहन के नाम भाई का संदेश
बहन कही मर जाऊं मै जो,
मुझसे लड़ाई मत करना,
बांध देना बाकियो को राखी,
मेरे लिये जिद मत करना।
भाई के लिए संदेश
भाई कही मर जाऊं मैं जो,
कोशिश जगाने की मत करना,
मुद्दतो बाद नींद ऐसी आयी है,
मेरी नींद खराब मत करना।
पिता को संदेश
बाबा कही मर जाऊं मै जो,
मुझ पर गुस्सा मत करना,
आंसू अपने झलका देना,
मन को घायल मत करना।
प्रेमिका के लिए सन्देश
जान मेरी मर जाऊं मैं जो,
ज़िन्दगी तबाह मत करना,
चुन लेना हमराही दूजा,
मुझको याद मत करना।
दोस्तों ये थी हमारी छोटी सी कविता जो मुझे आशा है कि आपको पसंद आयी होगी ।
यदि आपको पसंद आयी होतो comment के माध्यम से ज़रूर बताना ।
धन्यवाद !
लेखक - धीरज गार्गे !
No comments