नमस्कार दोस्तों ,
एक बार फिर से आप सभी का हार्दिक स्वागत है इंसान ने सिविलाइजेसन की शुरुआती चरणों में ही घर बनाना सीख लिया था जहां पर वह खुद को और अपने साथियों को को आश्रय दे सके । धीरे- धीरे आवास इंसान की बुनियादी जरूरत बन गया ।
फिर शुरुआत हुई बस्तियों ,कस्बों, गांवों और शहरों की लेकिन आज की 21वीं सदी में कुछ ऐसे लोग और लोगों का समूह भी है जो आज भी आधुनिक मानव के रहन-सहन के तरीके के विपरीत ऐसे ऐसे दुर्गम जगहों पर रहते हैं जहां जीवनयापन करना किसी आम आदमी की कल्पना से बाहर है ।
आज के इस ब्लॉग में हम आपको 8000 फीट की ऊंचाई पर एक संकरी सी चोटी पर रहने वाले लोगों से लेकर सालों साल पानी में रहने वाले लोगों और उनके अजीबो गरीब आवास के बारे में बताने वाले हैं तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं आज का ब्लॉग और जानते हैं इन विचित्र लोगों के बारे में -
Sealand -
सेकंड वर्ल्ड वॉर के समय इंग्लैंड की कोस्ट लैंड की रक्षा करने के लिए इस जगह को बनाया गया था जिस का असली नाम है रफ टावर(Roughs Tower ) यह एक एंटी एयरक्राफ्ट गन प्लेटफार्म था जिस पर तैनात गन्स इंग्लैंड के तटवर्ती इलाकों की ओर बढ़ते विमानों को ध्वस्त करने के लिए बनाया गया लेकिन ,सन् 1956 के बाद इस टावर को खाली कर दिया क्योंकि इसकी और जरूरत नहीं थी कुछ ही समय बाद इस टावर पर एक रेडियो स्टेशन स्थापित किया गया लेकिन मेजर पेटी रॉय(Major Paddy Roy Bates) नाम के एक व्यक्ति ने इस जगह को खाली करवा दिया और इस छोटी सी जगह को एक अलग कंट्री घोषित कर दिया इसका नाम रखा गया Sealand ।
मेजर रॉय ने खुद को यहां का राजा घोषित कर दिया और अपनी इस कंट्री के लिए एक अलग संविधान, एक अलग ,अलग झंडा, अलग करेंसी अलग नेशनल एंथम और यहां तक कि अलग पासपोर्ट भी बनवाया ।
ब्रिटिश गवर्नमेंट ने इस जगह को बंद करवाने के कई प्रयास किए लेकिन यह टावर इंटरनेशनल Sea एरिया में होने के कारण और मेजर रॉय के पास हर तरह के लीगल राइट्स होने के कारण ब्रिटिश गवर्नमेंट इस जगह खाली को नहीं करा पायी और ये जगह दुनिया की सबसे छोटी कंट्री (Smallest Country ) होने का दर्जा मिल गया।मेजर रॉय और उनकी फैमिली बहुत दिनों तक इस छोटे से टावर पर रहा करते थे जहां ना तो कोई सोसाइटी है ना ही कोई अन्य समाज से जुड़ने की आशंका है।
Mount Fanjing-
चाइना के गिजु प्रान्त (Guizhou province) में Mount Fanjing के शीर्ष पर स्थित यह दो मंदिर एक अद्भुत नजारा पेश करते हैं जिन्हें 8430 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया थाइस मंदिर के आसपास और दूर-दूर तक बादलों के कोरे और प्राकृतिक वनस्पतियों के अलावा और कुछ नहीं है ना तो कोई बाजार है और ना ही सुख सुविधा से जुड़ी किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था ।
कुछ ही साल पहले तक यहां पर अनेकों Monks रहा करते थे इतने दुर्गम स्थान में भी अपना जीवन यापन करते थे उन्हें छोटी से छोटी जरूरत की चीजों के लिए भी 8000 फीट से भी ज्यादा चढ़ना और उतरना पड़ता था लेकिन फिर भी वह लोग इस असाधारण जगह पर रहते थे।
Bajau Tribes -
किसी पर्वत की चोटी पर रहना ,किसी ठंडे इलाके में रहना किसी गर्म रेगिस्तान में रहना अगर आपको सहज लगता है तो कल्पना कीजिए ऐसे लोगों की जो अपना पूरा जीवन पानी में बिताते हैं जी हां East Malaysia की एक खानाबदोश प्रजाति ऐसी भी है जो अपने जीवन का अधिकतर समय पानी में रहकर गुजारते हैं इस ट्राइब का नाम है बजाऊ (Bajau People )।
मलेशिया(Malaysia) से रिफ्यूजी स्टेटस होने के कारण बैन किए जाने के बाद इन लोगों ने समुद्र के छिछले किनारों पर अपना घर बना लिया । क्योकि मलेशिया की जमीन पर घर बनाना इन लोगों के लिए प्रतिबंधित। यह लोग अपने घर लकड़ी के पोस्ट के ऊपर बनाते है। और अपने जीवन की छोटी-बड़ी चीजों के लिए मूलतः समुद्र पर निर्भर है ।
पीढ़ियों से समुद्र में रहने के कारण इन लोगों ने कुछ ऐसी विशिष्ट प्रतिभाओं को विकसित कर लिया है जो किसी भी आम व्यक्ति के बूते से बाहर है । ये लोग मछलियों और अन्य प्रकार के seafood की तलाश में पानी में 50 मीटर तक की गहराई में बिना किसी उपकरण की सहायता से गोता लगा सकते हैं और 3 मिनट तक पानी में बिना सांस लिए बिना ऑक्सीजन टैंक के रह सकते हैं ।
आप लोगों को यह जानकर हैरानी होगी इतनी गहराई में तो कोई प्रोफेशनल गोताखोर भी बिना किसी उपकरण के नहीं जा सकता लेकिन इन लोगों के लिए यह एक आम बात है यह लोग जितना स्पष्ट पानी से बाहर देख सकते हैं उससे कहीं ज्यादा साफ यह पानी के अंदर देख सकते हैं ।
अगर कोई आम व्यक्ति ज्यादा देर किसी समुद्री जहाज या समुद्र के आसपास गुजारता है तो उसे seasickness होने लगती है उसी तरह यदि यह बजाऊ लोग जमीन पर ज्यादा वक्त गुजारते हैं तो उन्हें landsickness की समस्याएं होने लगती है यह लोग बचपन से ही अच्छे तैराक होते हैं और किशोर अवस्था में आते-आते एक मंझे हुए गोताखोर बन जाते हैं।
Tristan Da Cunha -
11 किलोमीटर के डायमीटर और 98 स्क्वायर किलोमीटर एरिया में बसा ये द्वीप साउथ अटलांटिक महासागर में मौजूद है जिसे दुनिया के सबसे रिमोट प्लेसेस यानी सबसे दुर्गम जगहों में से एक होने का दर्जा हासिल है इस जगह की कुल जनसंख्या है 250 जो की उन्ही शुरुआती 8 लोगों के वंशज है जो यहां सबसे पहले इस द्वीप पर आकर बस गए थे ।
इस आईलैंड पर ना तो कोई रेस्टोरेंट है ना कोई होटल और ना ही कोई हॉस्पिटल इस जगह पर पहुंचने का केवल एक ही स्थान है और वह है समुद्री मार्ग जिसके द्वारा साउथ अफ्रीका से छह-सात दिन की समुद्री यात्रा करके यहां तक पहुंचा जा सकता है।
यहां के लोग जीवन यापन करने के लिए पूरी तरह खेती पर आश्रित है क्योंकि इस जगह पर कोई भी चीज मंगवाने के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है इस द्वीप के बीचो बीच एक ज्वालामुखी भी मौजूद है जो आज एक्टिव है या नहीं यह कोई नहीं जानता इतनी कम सुविधाओं और दुर्गम स्थान पर रहने के बावजूद यहां के लोग एक खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं।
Oymyakon-
सखा रिपब्लिक रशिया (Sakha Republic Russian) में मौजूद यह जगह दुनिया की सबसे ठंडी इनहाबीटेड स्थान है।सर्दियों के दिनों में यहां के लोगों का जीवन किसी जंग से कम नहीं होता क्योंकि इस जगह पर इतनी ज्यादा ठंड पड़ती है की यहां के लोग 20 मिनट से ज्यादा बाहर नहीं रह सकते इससे ज्यादा समय के लिए बाहर रहने पर शरीर का मांस जमने लगता है यहां पर तापमान इतना कम है कि पक्षी अपने बीच उड़ान में ही freeze हो जाते हैं।
यहां का न्यूनतम तापमान -67.7 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है जिसके कारण आस-पास के समुद्री तट जम हो जाते हैं और इतने कम तापमान में एक एयरक्राफ्ट का भी यहां तक पहुंच पाना असंभव हो जाता है ऐसे में यहां के लोग बाहरी दुनिया से पूरी तरह अलग-थलग पड़ जाते हैं पर बिना किसी बाहरी दुनिया के मदद के अपना जीवन यापन करते हैं ।
सर्दियों के दिनों में यहां के लोग भूल कर भी चश्मा नहीं पहनते क्योंकि चश्मे के फ्रेम स्किन के साथ जम जाते हैं यहां के ठंडे मौसम का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जहां बाकी की दुनिया में पर माइनस में जाते ही अधिकतर स्कूल बंद कर दिए जाते हैं वहीं यहां - 52 सेल्सियस टेंपरेचर को सामान्य स्थिति मानकर यह के स्कूल को खोल दिया जाता है।
धन्यवाद !
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