नमस्कार दोस्तों,
आज का शीर्षक एक ऐसी घटना पर आधारित है, जिसने पूरी इंसानियत को शर्मशार कर दिया है। घटना केरल राज्य की है। जहाँ एक गर्भवती हथिनी की बड़ी दर्दनाक मृत्यु हुई।
केरल में घटी इस घटना को सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी । आपके मन में इंसानियत के प्रति सवाल उठाने लगेंगे। आप ये सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आखिर कैसे कोई इस हद तक गिर सकता है।
दरअसल हुआ यु की केरल में बुधवार को एक गर्भवती हथिनी की पानी में खड़े-खड़े मौत हो गई। उसे किसी ने अनन्नास खिलाया था। उस अनन्नास के अंदर दिवाली में जलाए जाने वाले पटाखे और अनार भरे हुए थे, जिसको खाने के बाद हथिनी के मुंह में यह फल फट गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गयी ।पीड़ा से बचने के लिए हथिनी ने पानी का सहारा लिया जहा उसने खड़े खड़े दम तोड़ दिया ।
Watch Video
इस घटना की इंटरनेट पर काफी आलोचना हो रही है। यह मामला सबके संज्ञान में तब आया जब केरल के अधिकारी ने इस मामले की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट की। जब एक भूखी गर्भवती हथिनी खाने की तलाश में जंगल से भटक कर एक रिहायशी इलाके में पहुंच गई।खाने की तलाश में जब हथिनी सड़क पर टहल रही थी, तभी किसी ने उसे दिवाली में जलाए जाने वाले पटाखे और अनार भरा हुआ अनानास
खिला दिया।
इंसानो पर भरोसा करने की मिली सजा -
फॉरेस्ट अधिकारी कृष्णन के फेसबुक पर दी गई इस जानकारी के बाद से लोगों में काफी आक्रोश है। लोग इस क्रूरता के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। फॉरेस्ट अधिकारी कृष्णन ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि उस भूखी गर्भवती हथिनी ने हर किसी पर भरोसा किया, लेकिन जब वो अनानास उसके मुंह में फट गया तो वह दंग रह गई।
उस वक्त वह अपने बारे में नहीं सोच रही होगी बल्कि वह अपने 18-20 महीने के बच्चे के बारे में सोच रही होगी जो उसके गर्भ में था। इस भूखी गर्भवती हथिनी ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया, जबकि वह बहुत दर्द में थी। उसने फिर भी किसी का घर नहीं तोड़ा, इसलिए कहता हूं कि दैवीय हथिनी थी।
दर्द से रहत हेतु नदी में खड़ी रही हथिनी
जानकारी के मुताबिक, भूखी गर्भवती हथिनी ने जब पटाखे भरा अनानास खाया तो वह वेल्लियार नदी तक गई और पानी में खड़ी हो गई। फोटो में देखा जा सकता है कि हथिनी काफी देर तक मुंह और सूंड को पानी में डुबोकर खड़ी रही ताकि उसे असहनीय दर्द से कुछ राहत मिल सके।
फॉरेस्ट अधिकारी का कहना है कि गर्भवती हथिनी ने ऐसा इसलिए किया होगा ताकि उसके घाव पर मक्खी ना लगे। फॉरेस्ट अधिकारी ने बताया कि हथिनी को पानी से निकालने के लिए उन्होंने दो हाथियों की मदद ली लेकिन मुझे लगता है कि उसे कुछ अंदाजा हो गया था इसलिए उसने हमें कुछ भी करने की अनुमति नहीं दी। घंटों तक राहत और बचाव कार्य किया गया लेकिन आखिर में हथिनी ने नदी में खड़े-खड़े दम तोड़ दिया।
हथिनी को सम्मान के साथ दी गई आखिरी विदाई
हथिनी की मृत्यु के बाद उसे एक ट्रक में रखकर जंगल ले जाया गया, जहां अधिकारियों ने उसका अंतिम संस्कार किया। फॉरेस्ट अधिकारी ने बताया कि हथिनी को हमने वो विदाई दी जिसकी वह हकदार थी। इसलिए हम उसे वहीं लेकर गए जहां वह बड़ी हुई थी, वहां उसका अंतिम संस्कार किया गया।
दोस्तों इस घटना ने फिर से मानवता को शर्मशार किया है। कैसे कोई इंसान इतना नीचे गिर सकता है कि बेजुबान जानवर के साथ भी इतनी गयी गुजरी हरकत कर सकता है। ये तो अभी तक ज्ञात नही हुआ की ये हरकत किसने करी किन्तु उसने न केवल एक हथनी की हत्या करी अपितु उस अजन्मे बच्चे की हत्या का भी पाप किया।
क्या मानव केवल इंसान के प्रति ही मानवता दिखाता है उसकी प्राणिमात्र के प्रति कोई जिम्मेदारी नही है?
एक तो पहले ही मानव ने अपने काम धंधो के लिए जंगलो को उजाड़ कर रख दिया ऊपर से अगर कोई जानवर गलती से शहरी इलाकों में आजाता है,तो उनकी भी या तो निर्दयी हत्या कर दी जाती है या उनको गम्भीर रूप से घायल कर देता है।
अतः आप सभी से निवेदन है,की प्राणिमात्र के प्रति दया रखे और उन्हें नुकसान न पहुचाये।
धन्यवाद !
आज का शीर्षक एक ऐसी घटना पर आधारित है, जिसने पूरी इंसानियत को शर्मशार कर दिया है। घटना केरल राज्य की है। जहाँ एक गर्भवती हथिनी की बड़ी दर्दनाक मृत्यु हुई।
केरल में घटी इस घटना को सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी । आपके मन में इंसानियत के प्रति सवाल उठाने लगेंगे। आप ये सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आखिर कैसे कोई इस हद तक गिर सकता है।
दरअसल हुआ यु की केरल में बुधवार को एक गर्भवती हथिनी की पानी में खड़े-खड़े मौत हो गई। उसे किसी ने अनन्नास खिलाया था। उस अनन्नास के अंदर दिवाली में जलाए जाने वाले पटाखे और अनार भरे हुए थे, जिसको खाने के बाद हथिनी के मुंह में यह फल फट गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गयी ।पीड़ा से बचने के लिए हथिनी ने पानी का सहारा लिया जहा उसने खड़े खड़े दम तोड़ दिया ।
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इस घटना की इंटरनेट पर काफी आलोचना हो रही है। यह मामला सबके संज्ञान में तब आया जब केरल के अधिकारी ने इस मामले की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट की। जब एक भूखी गर्भवती हथिनी खाने की तलाश में जंगल से भटक कर एक रिहायशी इलाके में पहुंच गई।खाने की तलाश में जब हथिनी सड़क पर टहल रही थी, तभी किसी ने उसे दिवाली में जलाए जाने वाले पटाखे और अनार भरा हुआ अनानास
खिला दिया।
इंसानो पर भरोसा करने की मिली सजा -
फॉरेस्ट अधिकारी कृष्णन के फेसबुक पर दी गई इस जानकारी के बाद से लोगों में काफी आक्रोश है। लोग इस क्रूरता के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। फॉरेस्ट अधिकारी कृष्णन ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि उस भूखी गर्भवती हथिनी ने हर किसी पर भरोसा किया, लेकिन जब वो अनानास उसके मुंह में फट गया तो वह दंग रह गई।
उस वक्त वह अपने बारे में नहीं सोच रही होगी बल्कि वह अपने 18-20 महीने के बच्चे के बारे में सोच रही होगी जो उसके गर्भ में था। इस भूखी गर्भवती हथिनी ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया, जबकि वह बहुत दर्द में थी। उसने फिर भी किसी का घर नहीं तोड़ा, इसलिए कहता हूं कि दैवीय हथिनी थी।
दर्द से रहत हेतु नदी में खड़ी रही हथिनी
जानकारी के मुताबिक, भूखी गर्भवती हथिनी ने जब पटाखे भरा अनानास खाया तो वह वेल्लियार नदी तक गई और पानी में खड़ी हो गई। फोटो में देखा जा सकता है कि हथिनी काफी देर तक मुंह और सूंड को पानी में डुबोकर खड़ी रही ताकि उसे असहनीय दर्द से कुछ राहत मिल सके।
फॉरेस्ट अधिकारी का कहना है कि गर्भवती हथिनी ने ऐसा इसलिए किया होगा ताकि उसके घाव पर मक्खी ना लगे। फॉरेस्ट अधिकारी ने बताया कि हथिनी को पानी से निकालने के लिए उन्होंने दो हाथियों की मदद ली लेकिन मुझे लगता है कि उसे कुछ अंदाजा हो गया था इसलिए उसने हमें कुछ भी करने की अनुमति नहीं दी। घंटों तक राहत और बचाव कार्य किया गया लेकिन आखिर में हथिनी ने नदी में खड़े-खड़े दम तोड़ दिया।
हथिनी को सम्मान के साथ दी गई आखिरी विदाई
हथिनी की मृत्यु के बाद उसे एक ट्रक में रखकर जंगल ले जाया गया, जहां अधिकारियों ने उसका अंतिम संस्कार किया। फॉरेस्ट अधिकारी ने बताया कि हथिनी को हमने वो विदाई दी जिसकी वह हकदार थी। इसलिए हम उसे वहीं लेकर गए जहां वह बड़ी हुई थी, वहां उसका अंतिम संस्कार किया गया।
दोस्तों इस घटना ने फिर से मानवता को शर्मशार किया है। कैसे कोई इंसान इतना नीचे गिर सकता है कि बेजुबान जानवर के साथ भी इतनी गयी गुजरी हरकत कर सकता है। ये तो अभी तक ज्ञात नही हुआ की ये हरकत किसने करी किन्तु उसने न केवल एक हथनी की हत्या करी अपितु उस अजन्मे बच्चे की हत्या का भी पाप किया।
क्या मानव केवल इंसान के प्रति ही मानवता दिखाता है उसकी प्राणिमात्र के प्रति कोई जिम्मेदारी नही है?
एक तो पहले ही मानव ने अपने काम धंधो के लिए जंगलो को उजाड़ कर रख दिया ऊपर से अगर कोई जानवर गलती से शहरी इलाकों में आजाता है,तो उनकी भी या तो निर्दयी हत्या कर दी जाती है या उनको गम्भीर रूप से घायल कर देता है।
अतः आप सभी से निवेदन है,की प्राणिमात्र के प्रति दया रखे और उन्हें नुकसान न पहुचाये।
धन्यवाद !
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